बाजे रे जब श्याम की मुरलिया

छनक उठे पाव की पायलीबाजे रे जब श्याम की मुरलियासुध बुध खोयी राधायमुना के तट पेनच राही बन के बावरिया।। छणक उठे पाव की पायलीबाजे रे जब श्याम की मुरलिया।। कुछ तो बात कान्हा बंसी में जरूर हैराधा रानी नचने को हुए मजबूर है।। ललिता भी घूम रही राधा के संग मेंसारी बराज बाला नाचे … Read more