कैसी लीला रचाई जी के हनुमत बालाजी
कैसी लीला रचाई जी,के हनुमत बालाजी,कैसी लीला रचायी जी,के बजरंग बालाजी।। खेल करत अंबर में निकल गए,समझ के फल तुम सूरज निगल गये,करी देवो ने विनती जी,के बजरंग बालाजी,कैसी लीला रचायी जी,के बजरंग बालाजी।। दसकंधर किया हरण सिया का,लंका में जा पता किया था,तुमने लंका जलाई जी,के बजरंग बालाजी,कैसी लीला रचायी जी,के बजरंग बालाजी।। लंका … Read more