बालाजी में सज़ा है दरबार
बालाजी में सज़ा है दरबारसखी रे चल दर पे चले।। हाथो में लेके पूजा की तलीलेके ध्वजा बाला लाल रंग वाली।। सच्चे मान से लगाए जैकारसखी रे चल दर पे चले।। बालाजी में सज़ा है दरबारसखी रे चल दर पे चले।। नाचते गाते दर तेरे आएसवा मानी तुझको भोग लगाए।। और शीश नवाए हर वारसखी … Read more