भक्त बनता हूँ मगर अधमों का हूँ सरताज भी
भक्त बनता हूँ मगर अधमों का हूँ सरताज भी,देखकर पाखंड मेरा हंस पड़े ब्रजराज भी।। कौन मुझसे बढकर पापी,होगा इस संसार में,सुन के पापों कि कहानी,डर गये यमराज भी,भक्त बनता हूं मगर,अधमों का हूँ सरताज भी,देखकर पाखंड मेरा,हंस पड़े ब्रजराज भी।। क्यों पतित उनसे कहे,सरकार तुम तारो हमें,हैं पतितपावन तो रखेंगे,अपनी लाज भी,भक्त बनता हूं … Read more