भंगिया में डूब गए हो शुद्ध विसराओ भोला जी
भंगिया में डूब गए हो शुद्ध विसराओ भोला जीमैं ठक गई भंगियां पिसत हाथ दुखयो भोला जीभंगिया में डूब गया मेवा मिश्री आप के मन को जाने क्यों नहीं भाटेकंध मूल और फल से क्यों नहीं अपना भूल नहीं मिटातेक्यों बेल की पाटिया तेरे मन को भयो भोला जीभंगिया में डूब गया देवो में तुम … Read more