खाटू में फूलों सा फूल जाती हूँ

खाटू में फूलों सा फूल जाती हूँजाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँजैसे ही चौखट की धुल पाती हूँजाने क्या होता है सब कुछ भूल जाती हूँ।। मन को भाति हैं सीढ़ी वो तेरहपहली पे होता दूर अँधेरामांगू मैं कैसे बिन मांगे मिलतामुरझाया मन ये फूलों सा खिलतासबको तेरे जैकारो में मशगूल पाती … Read more