श्री गोवर्धन महाराज ओ महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ

श्री गोवर्धन महाराज ओ महाराज तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ Shree Goverdhan Maharaj Tere Mathe Mukut Viraj Raho श्री गोवर्धन महाराज, ओ महाराज,तेरे माथे मुकुट विराज रहेओ । तोपे पान चढ़े तोपे फूल चढ़े,तोपे चढ़े दूध की धार । तेरी सात कोस की परिकम्मा,चकलेश्वर है विश्राम । तेरे गले में कंठा साज रेहेओ,ठोड़ी पे हीरा … Read more