सतिगुरु नानकु प्रगटिआ

सतिगुरु नानकु प्रगटिआ मिटी धुंधु जगि चानणु होआ ।जिउ करि सूरजु निकलिआ तारे छिपे अंधेरु पलोआ । सिंघु बुके मिरगावली भंनी जाइ न धीरि धरोआ ।जिथे बाबा पैरु धरे पूजा आसणु थापणि सोआ । सिधासणि सभि जगति दे नानक आदि मते जे कोआ ।घरि घरि अंदरि धरमसाल होवै कीरतनु सदा विसोआ । बाबे तारे चारि … Read more