तेरेगा वही जिके हरदय में हरि है
प्रीत करो तो ऐसी करो जैसे पेड़ खजूरउपर छाड़ो तो फल मिले गिरो तो चकनाचूर।। क्या तेरेगा वही जिके हरदय में हरि हैतेरेगा वही जिके हरदय में हरि है।। कौन कौन तार गए गंगा नहाने सेगंगा नहाने से गंगा नहाने सेकौन कौन तार गए गंगा नहाने से।। मछली क्यों ना तार गईजिसका गंगा जी में … Read more