मुरली बजाने रास रचाने आये है मेरे श्याम सखी मैं दीवानी हो गई
मुरली बजाने रास रचाने आये है,मेरे श्याम सखी मैं दीवानी हो गई।। मोर मुकत सोहे कानो में कुण्डल,श्यामल वरन चन्दर मुख मंडल,कंठ में माला बुजा विशाला,देख के उसका रूप निराला,मैं तो विकी बिन दाम सखी मैं दीवानी हो गई।। मोहनी सूरत वदन गगिला हैचितचोर ये छेलछबीला,नजरे मिला के दिल को चुरा केप्रेम के झूठे खव्वाब … Read more