कब से खड़ी हूँ तेरे दर पे
कब से खड़ी हूँ तेरे दर पेके झोली मेरी भरदे रे भर दे जगदम्बे माँमैया भवर में है नैया तू पारमुझे कर दे कर दे जगदम्बे माँ।। कांटो का वन है ये दुनिया सारी,इक तेरा मंदिर फूलो की क्यारी,बिगड़ी सभी की तुने सवारीजानी है तू सब तेरे भिखारी,जय जय माता जगदम्बे माँ।। हो धरती गगन … Read more