छगन मगन मेरे लाल को आजा रे निंदिया आ

छगन मगन मेरे लाल को आजा रे निंदिया आ,चंचल मन घनश्याम के नैनं बीच समा,आजा री निंदिया आ।। जप तप पूजा पाठ सो विधि न दिया मोहे लाल,सजा कन्हियाँ लाडले मैया बजावे ताल,कैसे सुलाऊ लाल को धीरे धीरे लोरीगा,छगन मगन मेरे लाल को आजा रे निंदिया।। सोवे कन्हैया पालनो बांकि है छवि अबीलाल,आंगन की शोभा … Read more