पागल बनकर घूम रहा हूँ यार मैं अपना ढूँढ रहा हूँ

हरपल उसको ढूढ़े अंखियाइश्क़ में जिसके मैं दीवाना हूजाने कहा पर छुप गये जाकेजिसका लोगो मैं सुदामा हूँ।। पागल बनकर घूम रहा हूँयार मैं अपना ढूँढ रहा हूँकोई तो मुझको रास्ता बता देश्याम को मेरे मुझसे मिला देकुच्छ भी ना मांगू संसार सेकोई मुझको बता दे बता देपता श्याम का मुझको बता दे।। ठोकरे खा … Read more