जबसे मुझे ये तेरा दरबार मिला है
जबसे मुझे ये तेरा दरबार मिला है,प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है।। नजरो को जबसे तेरा देदार मिला है,प्यार मिला है रे बहुत प्यार मिला है।। इतना सा साथ ज़िंदगी का फ़साना,ना कोई मंजिल थी न था ठिकाना,दर आया जबसे लगता है तब से,बेघर को घरवार मिला है,प्यार मिला है रे बहुत प्यार … Read more