माँ तेरा दरबार जिसके शोभा जग में न्यारी रे

माँ तेरा दरबार जिसके शोभा जग में न्यारी रेनैन निरंतर मूरत झकी सूरत तरी रेतू लागे प्यारी रे प्यारी रे जो दुखरो लगा मत दर्शन अंखिया तरसेनैनो माँ करुणा बरसेजो मन संतोष से भरदे अमृत बरसे द्वारे माँतुम तो रानी रे तू लागे प्यारी रे नैन निरंतर मूरत झकी सूरत तरी रेतू लागे प्यारी रे … Read more