जाऊ बार बार बलिहारी मेरे रमण बिहारी की

है सबसे शोभा न्यारी रमन बिहारी की,जाऊ बार बार बलिहारी मेरे रमण बिहारी की, मुस्काए मुरली बजाये गुलाबी अधरों से,कस कस तीर चलाये नशीली नजरो से,गुंगराली,अलके,नागनी सी लटकारी की,जाऊ बार बार बलिहारी।। नख से सिख तक सिंगार जडाऊ गहने है,कशानी बूटी दार पीताम्बर पहने है,सिर साजे एडी पाग नैन सुखकारी की,जाऊ बार बार बलिहारी।। तुम्हे … Read more