उधो वो सांवली सूरत हमे दिल जान से बाहती है
उधो वो सांवली सूरत हमे दिल जान से बाहती है,वो काले बाल माथे पे मुकट मोरन के पंखो का,मगर कुंडल की कानो में झलक वो याद आती है ,उधो वो सांवली सूरत हमे दिल जान से बाहती है,।। गले पर माल की शोभा पीताम्बर की छठा तन पे,वो बंसी की मधुर बोली हमे तन मन … Read more