मैया कन्हैया छेड़े है मुझको
पनघट पे मुझको छेड़े फोड़े वो मटकी मेरे,क्या बताऊ मैं उसकी करतूत तुझकोमैया कन्हैया छेड़े है मुझको।। करके परेशान मुझको लेता वो आनंद हैउसकी ये आदात न मुझ्को पसंद हैजाने दे न घर से बाहर तू उसकोमैया कन्हैया छेड़े है मुझको।। मुझको को बुलाये काली खुद वो है कालाछलिया है मैया तेरा नंद लालातेरे इलावा … Read more