पार्वती संग ब्याह रचने चले हैं भूत नाथ हो

जाता की छत में सोहे है शंकरनाच है धरती झूम है अंबर आज होझूम है अंबर।। पार्वती संग ब्याह रचनेचले हैं भोले नाथ हो।। पार्वती संग ब्याह रचनेचले हैं भूत नाथ हो।। आदि बुध श्रृंगार में हैदूल्हा बोले शंकर नागराज की माला पानेनंदी पर नंदीश्वर भांग धतूरा हाथ लिएमुस्काये भोले नाथ हो पार्वती संग ब्याह … Read more