सदगुरु मेहर कर
छोड़ के सारी दुनिया,आया मैं तेरे दर पार,सदगुरु मेहर कर,सतगुरु मेहर कर मुझमे भी बहुत अवगुण हैमैं गुनहगार हूँ,उजड़ा पड़ा जो बरसों से,मैं वो दयार हूँ,हर पल लगता है डरसतगुरु मेहर कर तूफ़ानो मे है मेरी कश्ती,मुझसे दूर किनारा,मैं और पुकारू किसकोबिन तेरे कौन सहाराभाव सागर से पार लगा दे तुझसे यही गुहारसतगुरु मेहर कर … Read more