जल बरसे भीगे जटाधारी जल बरसे
जल बरसे भीगे जटाधारी जल बरसेगौरा ने भंगिया में घोड़ा लगाया।। पीवे भोले के सब यार भोलेजी तरसेजल बरसे भीगे जटाधारी जल बरसे।। बेला धतूरे का भोग बनायाखावे भोले के सब यार भोलेजी तरसेजल बरसे भीगे जटाधारी जल बरसे।। कैलाश पर्वत से आसन लगायसोये नदिया नाथ भोले जी तरसेजल बरसे भीगे जटाधारी जल बरसे।। जल … Read more