आज तो कैलाश पर बाज रहे डमरू
आज तो कैलाश पर बाज रहे डमरू,नाच रहे शिवजी बाज रहे घुगरू।। शंकर भी नाचे, संग गौरी भी नाचे,गणपत भी नाचे, स्वामी कार्तिक भी नाचेभूत प्रेत नंदी गण सारा जग नाचे,पावोमे बांधकर सोनेके घुंगरू।। ब्रम्हाजी आये, संग सावित्री लाये,विष्णुजी आये, संग लक्ष्मीजी लाये,विना बजाते हुये नारदजी आये,पावोमे बांधकर सोनेके घुंगरू।। जटामे शिवजी के गंगा बिराजे,मस्तकपे … Read more