चली चली शिव भोले दी बारात जग तो निराली भगत

चली चली शिव भोले दी बारात जग तो निराली भगतनिराली भगत तो आज गोरा जी नाल होनी मुलाक़ात जग तो गल विच बिछुए सैप लंकाये नेगज गज दहड़ा केश वादे नेहुंडी वेख के बालों कायनातजग तो निराली भगत भूत ते चुडेला दी जनेट सारी आई हैवेख वेख पर्व सारी करदी लुगाई हैसारी भोले दी है … Read more