शिव तुम कितने सुंदर हो तुम कितने सुंदर हो

सोहे हैं गंग की धार,सर्पो का गले में हार,तेरा अद्भुत है सिंगार,शिव तुम कितने सुंदर हो,तुम कितने सुंदर हो।। तेरा रूप है अजब निराला,कहलाये डमरू वालाकानों में बिच्छुवन माला,आंखों में तेज मतवाला,माथे पे सोहे चंदा,तुझमें ही जगत का सार,तन पर हो भस्म रमाये,और बाघम्बर लिपटाये,ओ नंदी के असवार,शिव तुम कितने सुंदर हों,तुम कितने सुंदर हो।। … Read more