महालक्ष्मी व्रत कथा – Mahalakshmi Vrat Katha

महालक्ष्मी व्रत कथा – Mahalakshmi Vrat Katha सिंधु सुता विष्णु प्रियाश्री हरि के वामहे महालक्ष्मी आप कोबारंबार प्रणामहमारा बारंबार प्रणाम चार भुजाएं आपकीकमल पे रही विराजगल मुक्तन की माल हैसर से सोने का ताजतिहारे सर सोने का ताज भक्तों को माँ बांट रहीदेखो धन और धानवैभव करे प्रदान माँरखती भक्तों की शान हे माँ शेष … Read more