सुन्दर कहलाते जो इस जग के नज़ारे हैं
सुन्दर कहलाते जो इस जग के नज़ारे हैं,तेरी चुनरी में हे माँ वो चाँद सितारे हैं,सुंदर कहलाते जो इस जग के नज़ारे हैं।। पूरब में सूरज की लाली जब छाती है,लगता चुनरी ओढ़े तू धरती पे आती है,तेरी ही आभा के ये सारे उजारे है,सुंदर कहलाते जो इस जग के नज़ारे हैं।। चमकीली ये मणिया … Read more