तनमन की सुध बिसर गई है
भोर की पहली किरण ने आकार:द्वार पे तेरे शीश नवायचारो तारफ है आनंद है छाया तनमन की सुध बिसर गई हैसन्मुख भोले नाथ खड़े हैंॐ नमः शिवाय ॐ नमः शिवाय एक तक सारे देख रहे हैंपार्वती के साथ खड़े हैंभोले नाथ भोले नाथ भोले नाथ शिव मंदिर में आ पाहुचेभक्त तुम्हारे भोर हुएअधभूत छवि निरालीछु … Read more