थारी सांवली सूरत वालो भेष हो बंसी वाला
थारी सांवली सूरत वालो भेष हो बंसी वालाहो जादू डारा आजो जी माहरे देश।। सावन आवन केह गए जी कोई कर गए कोल अनेकगिनता गिनता घिस गई माहरी आंग्लियाँ की रेखहो बंसी वाला आजो जी माहरे देश।। जोगन हो ये भी जंगल जंगल पाया ना थारो भेदथारी सूरत कारण संवारा हे धर लियो भगवा वेशहो … Read more