तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूं

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूं

Teri Meharbani Ka Hai Bojh Itna Jise Mai Uthane Ke Kaabil Nahi Hu

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूं
तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना
जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूं

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना
जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूं

मैं आतो गया हू
मैं आतो गया हू
मगर जनता हू
तेरे दर पे आने के काबिल नहीं हू

मैं आतो गया हू
मगर जनता हू
तेरे दर पे आने के काबिल नहीं हू

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना

ये मन की दाता हो तुम कुल जहां के
मगर कैसे झोली फैलायौ माई आके

ये मन की दाता हो तुम कुल जहां के
मगर कैसे झोली फैलायौ मैं आके

जो पहले दिया है वो कुछ कम नहीं है
उसी को निभाने के काबिल नहीं हूँ

जो पहले दिया है वो कुछ कम नहीं है
उसी को निभाने के काबिल नहीं हूँ

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना

तुम्हीं ने अदा की मुझे जिंदगानी
तुम्हीं ने अदा की मुझे जिंदगानी
तेरी महिमा फिर भी मैंने ना जानी

कर्जदार तेरी दया का हू इतना
कर्जदार तेरी दया का हू इतना
ये कर्ज चुकाने के काबिल नहीं हूं
ये कर्ज चुकाने के काबिल नहीं हूं

तेरी मेहरबानी का है बोझ इतना
जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूं
जिसे मैं उठाने के काबिल नहीं हूं

Teri Meharbani Ka Hai Bojh Itna

Teri Meharbani Ka Hai Bojh Itna
Jise Mai Uthane Ke Kaabil Nahi Hu

Teri Meharbani Ka Hai Bojh Itna
Jise Mai Uthane Ke Kaabil Nahi Hu

Mai Aato Gaya Hu
Mai Aato Gaya Hu
Magar Janta Hu
Tere Darr Pe Aane Ke Kabil Nahi Hu

Mai Aato Gaya Hu
Magar Janta Hu
Tere Darr Pe Aane Ke Kabil Nahi Hu

Teri Meharbani Ka Hai Bojh Itna

Ye Mana Ki Data Ho Tum Kul Jaha Ke
Magar Kaise Jholi Phailayu Mai Aake

Ye Mana Ki Data Ho Tum Kul Jaha Ke
Magar Kaise Jholi Phailayu Mai Aake

Jo Pahle Diya Hai Vo Kuchh Kam Nahi Hai
Ussi Ko Nibhane Ke Kabil Nahi Hu

Jo Pahle Diya Hai Vo Kuchh Kam Nahi Hai
Ussi Ko Nibhane Ke Kabil Nahi Hu

Teri Meharbani Ka Hai Bojh Itna

Tumhi Ne Aada Ki Mujhe Jindagani
Tumhi Ne Aada Ki Mujhe Jindagani
Teri Mahima Phir Bhi Maine Naa Jaani

Karjdaar Teri Daya Ka Hu Itna
Karjdaar Teri Daya Ka Hu Itna
Ye Karja Chukaane Ke Kabil Nahi Hu
Ye Karja Chukaane Ke Kabil Nahi Hu

Teri Meharbani Ka Hai Bojh Itna

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