तूँ ही तो मेरी जान है राधा
बात मेरी मान ले राधा
दे दे मुरलिया हमार रे
माखन दूँगा मिश्री दूँगा खोया ला दूँगा
बैठ कदम पर बहुत फजीरे गीत सुना दूँगा
आज होली है काहे मुझको तंग करे है
मुरली के बदले में तुझको मेवा ला दूँगा
तूँ ही तो मेरी जान है राधा
अच्छी राधा प्यारी राधा मान जाओ न
क्या किया हूँ आज मैं तेरा यह बतलाओ न
आज ब्रज में धूम मची है सब होली खेलें
खुश हो के तूँ भी तो कोई राग सुनाओ न
तूँ ही तो मेरी जान है राधा
कहो तो कह दूँ मैं जा के तेरी मईया से
तूने ही बँसी है चुराई कृष्ण कन्हईया के
हो के गरज़ अर्ज़ मैं लाऊँ सुन ले तूँ वरना
कह के डाँट खिलाऊँगा मैं दाऊ भईया से
तूँ ही तो मेरी जान है राधा
कान पकड़ के कहता हूँ मैं रँग न लाऊँगा
कानन गुंज नदी के तीरे अब न जाऊँगा
आज यदि मुरली तूँ मेरी वापस कर देगी
तेरे लिए ही जीवन भर मैं इसे बजाऊँगा
तूँ ही तो मेरी जान है राधा