उंगली पकड़ के रोई रे कान्हा तेरी याद में

उंगली पकड़ के रोई रे कान्हा तेरी याद में
उंगली पकड़ के रोई रे कान्हा तेरी याद में
कान्हा हो बागो बीच अकेली,
कान्हा हो झुक रही रेन अंधेरी,
अरे डाली पकड़ कर रोई रे कान्हा तेरी याद में।।

कान्हा हो तालो बीच अकेली,
कान्हा हो झुक रही रेन अंधेरी,
अरे साड़ी पकड़ कर रोई रे कान्हा तेरी याद में ।।

कान्हा हो कुओं बीच अकेली,
कान्हा हो झुक रही रेन अंधेरी,
अरे गगरी पकड़ कर रोई रे कान्हा तेरी याद में।।

कान्हा हो मेहलों बीच अकेली,
कान्हा हो झुक रही रेन अंधेरी,
अरे खिड़की पकड़ कर गई रे कान्हा तेरी याद।।

कान्हा हो मंदिरों बीच अकेली,
कान्हा हो झुक रही रेन अंधेरी,
अरे मूरत पकड़ कर रोई रे कान्हा तेरी याद में।।

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