अर्जी ये श्याम लगाई है,
एक बहन तेरे दर आई है
बन जाओ तुम ही श्याम मेरे,
कोई और ना मेरा भाई है
त्योहार है आया रक्षा का,
तेरे हाथ में राखी बांधूंगी
तुम साथ हो मेरे काफी है,
फिर नेक भला क्या मांगूंगी
मानो नहीं मानो मर्ज़ी है,
मेरे दिल की बात बताई है
बन जाओ तुम ही श्याम मेरे,
कोई और ना मेरा भाई है
सुख दुख की बात तुम्हे सारी,
आकर के मैं बतलाऊंगी
छोटी हूँ तंग करूँगी मैं,
फिर मैं ही तुम्हे मनाऊंगी
ये रिश्ता खट्टा मीठा सा,
तेरी बहन निभाने आई है
बन जाओ तुम ही श्याम मेरे,
कोई और ना मेरा भाई है
रेशम के धागे की भैया,
हरदम ही लाज बचाना तू
किस्मत से पाया है तुमको,
नहीं छोड़ चले अब जाना तू
कहता है सचिन तेरी बहना का,
बस तू ही एक सहाई है
बन जाओ तुम ही श्याम मेरे,
कोई और ना मेरा भाई है