तू हमेशा था प्यारे

तू हमेशा था प्यारे
याद मैंने किया ना तुझे सांवरे,
तूने एक पल भी मुझको भुलाया नहीं,
तू हमेशा था प्यारे मेरे सामने,
मैंने आँखों से पर्दा हटाया नहीं,
याद मैंनें किया ना तुझे सांवरे,
तूने एक पल मुझेको भुलाया नहीं।।

जब मैं शबरी बना राम तू बन गया,
मैं सुदामा था जब श्याम तू बन गया,
तू हर एक युग में आया मुझे थामने,
और मैं तुझको पहचान पाया नहीं,
तू हमेशा था प्यारे मेरे सामने,
मैंने आँखों से पर्दा हटाया नहीं,
याद मैंनें किया ना तुझे सांवरे,
तूने एक पल मुझेको भुलाया नहीं।।

धूप में बनके आया तू छईया कभी,
पार की नाव बनके खिवैया कभी,
राह हर पल दिखाई तेरे नाम ने,
तूने एहसान फिर भी जताया नहीं,
तू हमेशा था प्यारे मेरे सामने,
मैंने आँखों से पर्दा हटाया नहीं,
याद मैंनें किया ना तुझे सांवरे,
तूने एक पल मुझेको भुलाया नहीं।।

भूल ‘संदीप’ की माफ़ करता रहा,
मेरे हक़ में तू इंसाफ करता रहा,
मुझको बेहका लिया छल कपट काम ने,
ध्यान दो पल भी तेरा लगाया नहीं,
तू हमेशा था प्यारे मेरे सामने,
मैंने आँखों से पर्दा हटाया नहीं,
याद मैंनें किया ना तुझे सांवरे,
तूने एक पल मुझेको भुलाया नहीं।।

याद मैंने किया ना तुझे सांवरे,
तूने एक पल मुझको भुलाया नहीं,
तू हमेशा था प्यारे मेरे सामने,
मैंने आँखों से पर्दा हटाया नहीं,
याद मैंनें किया ना तुझे सांवरे,
तूने एक पल मुझेको भुलाया नहीं।।

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