भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया

भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया
मेरे घर भी आना रे कन्हैया

मैं तेरी दासी बिना मोल के
दर से ना ठुकराना रे कन्हैया

भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया
मेरे घर भी आना रे कन्हैया

मेरी ये आँखे तुम बिन तड़पत
और न अब तड़पना रे कन्हैया

भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया
मेरे घर भी आना रे कन्हैया

कोई ये पीड़ा समझे न समझे
तुम न हमें भूल जाना रे कन्हैया

भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया
मेरे घर भी आना रे कन्हैया

अंत समय जब प्राण कंठ हो
सुन्दर रूप दिखाना रे कन्हैया

भूल बिसर मत जाना रे कन्हैया
मेरे घर भी आना रे कन्हैया

Leave a Comment