बोली गौरी सुनो भोला बात मेरी

बोली गौरी सुनो भोला बात मेरी ध्यान से सुनलो
मुझे या भांग दोनों में कोई भी एक तुम चुन लो
चली मैं जाउंगी वरना तुम्हे छोड़ कर
बोली गौरी सुनो भोला ……………….

जबसे लाये हो तुम ब्याह करके मुझे
मुझसे प्यारी लगे भोला भंगिया तुझे
ना दया है ना दिल में तेरे प्यार है
मेरे अरमानो के सारे दीपक बुझे
तेरे दिल में हमारी नहीं है कदर
बोली गौरी सुनो भोला ……………..

भांग पीने की आदत तू ये छोड़ दे
वरना तू मुझसे रिश्ता अभी तोड़ दे
बन गई मेरी सौतन ये भंगिया तेरी
भांग की मटकी भोला अभी फोड़ दे
घोला भंगिया ने जीवन मेरे ज़हर
बोली गौरी सुनो भोला ……………..

फैसला अब ये भोला तेरे हाथ है
भांग या रहना तुमको मेरे साथ है
दोनों बच्चे सँभालु या भंगिया घिसूँ
ध्यान बच्चों का भी न तुम्हे नाथ है
कुंदन बिलकुल नहीं है हमारी फिकर
बोली गौरी सुनो भोला ……………..

Leave a Comment