दरबार में बंशीवाले के दुख दर्द मिटाए जाते हैं
दरबार में बंशीवाले के दुख दर्द मिटाए जाते हैं Darbar Me Bansi Wale Ke Dukh Dard Mitaye Jaate Hai Lyrics बादल जाएंगे अश्का वो हर में तेरेकन्हैया के दर पे तू आकार तो देखकहने की जुबा से जरूरी नहीं हैजरा अपनी झोली फैला कर तो देखनिकलेगा कश्ती भावर से तुम्हारीकन्हैया को मांझी बना कर तो … Read more