प्रीतम तू मेरे ह्रदय चा बसाया
प्रीतम मेरे मन माहीप्रीतम तू मेरे ह्रदय चा बसायामैं रब दर आकर किसे ने दास्यामैं तेरा हां तेरा बांके रहूँगामैं गुरु आ दी सीखा मन के रहूँगासब दुखिया दी सेवा मेरा धरम हैनिभावा धरम ऐ भी तेरा करम हैइशारे बिना तेरे पत्ता न हिल्डाजो कर्मा चा ना होव वो भी है मिलदातेरा नाम मेरे तन … Read more