
धीरज धर मनवा संवारा आने वाला है
सर पे तेरे मोरछड़ी लहराने वाला है
आने वाला है सांवरा आने वाला है
धीरज धर मनवा…………….
बहुत सताया बहुत रुलाया बहुत तुझे तड़पाया है
चुपके तेरी नींद चुरा कर कितनी रात जगाया है
बड़े स्नेह से आकर ह्रदय लगाने वाला है
आने वाला है सांवरा आने वाला है
धीरज धर मनवा…………….
माया ने तुझको जकड़ा है मोह ने तुझको घेरा है
काम क्रोध मद लोभ और अहंकार का डेरा है
इन सारे दोषों से तुझे छुड़ाने वाला है
आने वाला है सांवरा आने वाला है
धीरज धर मनवा…………….
गुरु रूप धर कर आएगा प्रेम सुधा बरसायेगा
तुझको सखी बना बंसी में प्रेम के नग्मे गायेगा
भव सागर से तुझको पार कराने वाला है
आने वाला है सांवरा आने वाला है
धीरज धर मनवा…………….