मेरी नैया ये डोलती इसे किनारा दो
हारा मैं श्याम आके तुम मुझे सहारा दो
क्या खता हो गई बता मुझको
अब तो दे खुशियों का पता मुझको
हुआ लाचार न सता मुझको
बोल देना तो कम से कम मुझे इशारा दो
हारा मैं श्याम आके तुम मुझे सहारा दो
तुम से माँगा तुम्ही से मांगे गे
छोड़ तुझको कही न जायेगे
दास का फर्ज तो निभायेगे
दास को सेठ की शरण में तुम गुजारा दो
हारा मैं श्याम आके तुम मुझे सहारा दो
मेरी सचाई न छुपी तुम से
ना सेहन होती बेबसी हम से
रूठी लगती है जिन्दगी हम से
हारे निर्मल की आँखों में अब तो उजाला दो
हारा मैं श्याम आके तुम मुझे सहारा दो