हे श्याम प्रभु हम भगतो के घर आओ कभी जो वक़्त मिले
अपनी किरपा कुछ हम पर भी बरसाओ कभी यो वक़्त मिले
हे श्याम प्रभु हम भगतो के घर आओ कभी जो वक़्त मिले
तू श्याम है मेरा दिखा सकू दुनिया से निगाहें मिला सकू
आँखों में मेरी तुम आ कर के बस जाओ कभी जो वक़्त मिले
हे श्याम प्रभु हम भगतो के घर आओ कभी जो वक़्त मिले
एक यही तमना बाकी है दीदार तुम्हारा हो जाए
हम आस लगाये बैठे है आ जाओ कभी जो वक़्त मिले
हे श्याम प्रभु हम भगतो के घर आओ कभी जो वक़्त मिले
जिनकी चाहत में कमी रही जिनके सजदे में गलती है
काबिल जो नही है उनको भी अपनों कभी जो वक़्त मिले
हे श्याम प्रभु हम भगतो के घर आओ कभी जो वक़्त मिले