जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़कर
प्रेम ब्रज सा कन्हैया नहीं पाओगे नहीं पाओगे
जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़कर
ये लताये कदम की ये डालिये
तेरे बचपन की साथी सांवरिया
कुञ्ज गलियां कहानी तेरी गए रही रे
श्याम तेरी गा रही
ऐसी गलियां कन्हैया नहीं पाओगे
जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़कर
लेके ग्वालो को घर में आना तेरा
घर के छीके से माखन का चुराना तेरा
स्वाद माखन का जैसा ब्रज में मिला रे श्याम ब्रज में मिला
स्वाद ऐसा कन्हैया नहीं पाओगे
जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़कर
कितनी फोड़ी गगरिया पनघट पर
चीर किसके बचे श्याम प्यारे कहो
तेरे उद्यमों को जिसने हंस के सहा रे
हंस के सहा रे श्याम
ऐसे प्रेमी कन्हैया नहीं पाओगे
जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़कर
प्रेम करके दीवाना बनके हमे
छोड़ जाते हो किसके सहारे कहो
नंदू मुरली के जैसे दीवाने हुए रे श्याम
ऐसे पागल कन्हैया नहीं पाओगे
जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़कर
प्रेम ब्रज सा कन्हैया नहीं पाओगे नहीं पाओगे
जा रहे हो तो जाओ ब्रज छोड़ कर सबका दिल तोड़कर