
जय हो जय हो महाकाल राजा,
तेरी कृपा की छाई है छाया,
हर तरफ तू ही तू है समाया ,
धन्य तेरी है तेरी ही माया ,
जय हो जय हो महाकाल राजा।।
तुमने देवो को अमृत दिया है ,
आपने खुद ही विष को पिया है,
देवताओं का मान बडाया,
सागरमंथन के विष से बचाया ।।
जय हो जय हो महाकाल राजा
वरदानी हो भोले कैलाशी,
डमरू वाले है काशी के वास,
गले सर्पो का हार सजाया ,
सर भभुति का टीका लगाया ।।
जय हो जय हो महाकाल राजा
भोले जिसने भी तुमको पुकारा,
तुमने उनको दिया है सहारा,
सारे भगतो का कष्ट मिटाया,
तेरे चरणो में शिवाजी आया ।।
जय हो जय हो महाकाल राजा
तेरी कृपा की छाई है छाया,
हर तरफ तू ही तू है समाया ,
धन्य तेरी है तेरी ही माया ,
जय हो जय हो महाकाल राजा।।