जन्मदिवस से पहले ही खोल दिया दरबार

छोटी सी ये अर्ज़ी करली तूने स्वीकार
जन्मदिवस से पहले ही खोल दिया दरबार

अब ना अकेला होगा श्याम खाटूवाला
पड़ा नहीं होगा तेरेमंदिर पे ताला
भूल नहीं पाएंगे बाबा तेरा उपकार
जन्मदिवस से पहले ही खोल दिया दरबार

खुशियों से झोली तूनेभर दी हमारी
लाज बचाली तूने श्याम बिहारी
देना तो हमको थापर तूने दिया उपहार
जन्मदिवस से पहले ही खोल दिया दरबार

वादा करो ये हमसे रुठ मत जाना
बच्चो को बाबा अपने भूल मत जाना
कहे सचिन खाटू में अपना तो है घरबार
जन्मदिवस से पहले हीखोल दिया दरबार

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