रह ना पाऊंगा श्याम मैं रह ना पाऊंगा
मेरे मन की बातें बाबा किसे बताऊंगा
रह ना पाऊंगा
वो खाटू की गलियां मुझे तड़पाती हैं
वो लीले वाले की याद दिलाती है
छलक रहे हैं प्रेम के आंसू आँखों से मेरे
तू ही बता कैसे समझाऊं अब मन को मेरे
रह ना पाऊंगा
बताओ सांवरिया कहाँ मैं जाऊँगा
ये संकट की घड़ियाँ मैं भूल ना पाऊंगा
दिन कटता ना कटती रातें यादों मैं तेरे
बाँध ली मैंने प्रीत की डोरी चरणों से तेरे
रह ना पाऊंगा
छोड़ कर दुनिया को तेरे दर आया हूँ
संभालोगे मुझको ये आशा लाया हूँ
सिर पर हाथ फिराओगे तुम आकर के मेरे
सुरेश राजस्थानी बैठा चरणों में तेरे
रह ना पाऊंगा