जन्मो से भटकी हुई नाव को
आज किनारा मिल गया
राम मेरे मुझ पापी को भी
तेरा सहारा मिल गया
जन्मो से भटकी हुई नाव को
आज किनारा मिल गया
उलझा हुआ था मैं माया के जंगल में
तुम ने बचाया मुझे तुम ने बचाया मुझे
श्रद्धा सबुरी का वरदान दे
कर जीना सिखाया मुझे
जीना सिखाया मुझे
तेरी कृपा से गंगा के जल में
पानी ये खारा मिल गया
जन्मो से भटकी हुई नाव को
आज किनारा मिल गया
कहने को तो चल रही थी
ये सांसे बेजान थी आत्मा
बेजान थी आत्मा
हां मेरे पापो का जन्मो के
शापों का तुमने किया खात्मा
तुमने किया खात्मा
तुमने छुआ तो तुम्हारा हुआ तो
जीवन दोबारा मिल गया
जन्मो से भटकी हुई नाव को
आज किनारा मिल गया
ना जाने कितने जन्म और
जलता तृष्णा की इस आग में
तृष्णा की इस आग में
काले सवेरे थे लिखे अँधेरे थे
शायद मेरे भाग्य में
तुम आये ऐसे अंधेरों में जैसे
कोई सितारा मिल गया
जन्मो से भटकी हुई नाव को
आज किनारा मिल गया
राम मेरे मुझ पापी को भी
तेरा सहारा मिल गया
जन्मो से भटकी हुई नाव को
आज किनारा मिल गया
आज किनारा मिल गया
Janmon Se Bhatki Hue Naav Ko
Aaj Kinara Mil Gaya
Ram Mere Mujh Paapi Ko Bhi
Tera Sahara Mil Gaya
Uljha Hua Tha Main
Maya Ke Jangale Mein
Tumne Bachaya Mujhe
Shraddha Saburi Ka
Vardaan Dekar
Jeena Sikhaya Mujhe
Teri Kripa Se Ganga Ke Jal Mein
Paani Ye Khara Mil Gaya
Janmon Se Bhatki Hue Naav Ko
Aaj Kinara Mil Gaya
Kehne Ko To Chal Rahi Thi
Ye Saanse Bejaan Thi Atma
Ha Mere Papo Ka Janmo Ke Shapo Ka
Tumne Kiya Khatma
Tumne Chhua To Tumhara Hua To
Jeevan Dobara Mil Gaya
Janmon Se Bhatki Hue Naav Ko
Aaj Kinara Mil Gaya
Na Jaane Kitne Janam Aur Jalta
Trishna Ki Iss Aag Mein
Kaale Savere The Likhe Andhere The
Shayad Mere Bhagya Mein
Tum Aaye Aise Andhero Mein Jaise
Koi Sitara Mil Gaya
Janmo Se Bhatki Naav Ko
Aaj Kinara Mil Gaya
Ram Mere Aaj Mujh Papi Ko
Tera Sahara Mil Gaya
Janmo Se Bhatki Naav Ko
Aaj Kinara Mil Gaya