जिन्हे याद करे मेरे साई वो शिरडी आते है

लाये है साई का सन्देश शिरडी से ये पुरवाई
याद करे जो साई को उसे कैसे भुला दे साई।।

जिन्हे याद करे मेरे साई वो शिरडी आते है
किश्मत वाले है जो शिरडी का दर्शन पाते है।।

जिनको बुलावा साई के मंदिर से जाता है
वो छोड़ कर सारे काम शिरडी दौड़ा आता है
उसको दया की छाव में साई बिठाते है
साई बिठाते है साई बिठाते है
किश्मत वाले है जो शिरडी का दर्शन पाते है।।

जिन्हे याद करे मेरे साई वो शिरडी आते है
किश्मत वाले है जो शिरडी का दर्शन पाते है।।

शिरडी की गलियां में जो भी दो पल बिता आया
सब पाप उसके धूल गए हर दुःख मिटा आया
करुणा का अमृत साई जी उसको पिलाते है
किश्मत वाले है जो शिरडी का दर्शन पाते है।।

जिन्हे याद करे मेरे साई वो शिरडी आते है
किश्मत वाले है जो शिरडी का दर्शन पाते है।।

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