सुनाये है हमको तेरी दातरी के किस्से
दुनिया ने कई हजार
तेरे दर पर आकर झोली खली मेरी
फिर तू कैसा लाख दातार
तू दाता तू दातार तू दाता दातरी
खाटू के बाबा श्याम ये दुनिया तेरी दीवानी
तेरे दर पे सर खुद बा खुद झुक जाते है
संकट हो या हो आफत सब टल जाते है
तू सबके मन की रखता ख्याल लखदातारी
खाटू के बाबा श्याम दुनिया ये तेरी दीवानी
तू दाता तू दातार
मीरा के विष को अमृत कैसे कर डाला
सुदामा को तीनो लोक का वर क्यों दे डाला
रुक्मणि भी है हैरान तेरी देख मन मानी
खाटू के बाबा श्याम ये दुनिया तेरी दीवानी
आकाश का ना कोई संगी कोई साथी है
खुशियों की न कोई आस नजर नहीं आती है
इसका भी मुक्कदर तुम्ही सम्भालो
खाटू के बाबा श्याम ये दुनिया तेरी दीवानी