खूब सताए तेरी याद हमको खाटू बुला ले दरबार में
खूब सताए तेरी याद
बहुत दिनों से मन में थी आशा एक अर्ज़ी लगाऊं
सुख हो या दुःख हो हर पल दर पे तेरे खिंचा चला आऊं
तुम ही हो मेरी सरकार हो हमको खाटू बुला ले दरबार में
खूब सताए तेरी याद
ग्यारस की ग्यारस कोई तो है रिश्ता जो तुम हमको बुलाते
मेरे जीवन की सारी विपदाओं को तुम गले से लगाते
तुमने किया है उपकार हो हमको खाटू बुला ले दरबार में
खूब सताए तेरी याद
खाटू की मिटटी खाटू की गलियां यहाँ श्याम के हवाले
विश्वास गर हो कुंड के जल में एक डुबकी लगा ले
मुकु ने देखा चमत्कार हो हमको खाटू बुला ले दरबार में
खूब सताए तेरी याद