मैया के जगरातों में

याद मईया की आने लगी
बन पंछी उड़ जाऊ
अभी मैया के जगरातों में

शेर जो गरजा बागो में
बन पंछी उड़ जाऊ
अभी मैया के जगरातों में


भवन मैया के सजने लगे
ढोल नगाड़े बजने लगे
माँ के द्वारे भीड़ लगी
खील बतासे बाटने लगे

बोले मोरनी बागो में
हाय बोले मोरनी बागो में
बन मेहंदी रच जाऊ
मैया के हाथो में

बन पंछी उड़ जाऊ
अभी मैया के जगरातों में

सजके संवर के माँ बैठी
नजर ना मेरी लग जाए
नथ चमके कगना खनके
चुनर मैया की लहराए

बोले कोयलिया बागो में
बन पंछी उड़ जाऊ अभी
मैया के जगरातों में

कंजको के संग में खेल रही
बागो में झूला झूल रही
रूठ रही कभी मान रही
और कभी हंस बोल रही
बदली बन जाऊ आसमानो
रश्मि झूमने गाने लगी
रिमझिम बरसातों में

बन पंछी उड़ जाऊ
अभी मैया के जगरातों में

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