मेरे कष्टों को दूर हनुमान करो

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मेरे कष्टों को दूर हनुमान करो

Mere Kashto Ko Door Hanuman Karo Lyrics

गयारवे हो रुद्र तुम भोले के अवतारी,
ज्ञानियो में आप ज्ञानी योधा बलशाली ।
बाल अवस्था से ही चंचल आप का था मन,
सूर्य को थे खा गए नटखट बड़ा बचपन ।
मुझ जैसे पापी का भी उद्धार करो,
पवन तनय संकट मोचन कल्याण करो ॥

बीच भँवर में फँसी हैं नैया
पार लगादो ना
एक बार तो अपने दास को
दरस दिखादो ना
दिन में भी अंधियारे से घिरा रहता हूँ
व्यथा मेरे मन की सारी तुम्हें कहता रहता हूँ
कब आओगे मुझपर भी कुछ ध्यान करो

हे बजरंगी अब तो दया की कीजिये दृष्टि,
गा रही महिमा तुम्हारी यह सारी सृष्टि ।
आपकी कृपा हो जिसपे, राम मिले उसको,
सिद्ध तुम्हीं एक देव हो अब और कहूँ किसको ।
मेरे कष्टों को दूर हनुमान करो
पवन तनय संकट मोचन कल्याण करो ॥

टूट गया हूँ हनुमत मैं
खायी है बहुत ठोकर
द्वार तुम्हारे आन पड़ा
दुनिया में ना लगता मन
जीत ना पाया कभी बस
हारता गया
खो दिया ख़ुद को मैंने
दुख दर्द ही पाया
हे बजरंगी मेरा कुछ तो
मान करो
पवन तन्य संकट मोचन
कल्याण करो

तीनों लोक में तुमसे ही है
उजियारा भगवान
अंधियारे से घिरा हूँ मैं
मुझे थाम लो भगवान
सिया राम के कष्टों को भी
तुमने टारा था
लखन के प्राणों को पल भर में
तुमने उबारा था
दया की दृष्टि तुम मुझपर
हनुमान करो

श्री राम का तुम सा ना सेवक और है दूजा,
आज घर घर में तुम्हारी हो रही पूजा ।
दीन दुखिओं की कतारें द्वार पे लम्बी,
आप की महिमा को सुन कर आया मैं भी ।
मैं हूँ निर्बल बल बुद्धि का दान करो,
पवन तनय संकट मोचन कल्याण करो ॥

Mere Kashto Ko Door Hanuman Karo Lyrics

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